Hello! मैं रानी सुमिता| मैं समझती हूँ
कि खुद को डिफाईन करना एक कठिन काम है। इतना ही कहूँगी कि शब्दों का
श्रृंगार मेरा प्रिय काम है। मन में झरते शब्दों को अक्सर पकड़ने की कोशिश
करती हूँ और कलम के जरिये पन्ने पर उतारती रहती हूँ। शब्द आकार लेते हैं
कविता के रूप में, कहानी के रूप में आलेख के रूप मे। किताबों की समीक्षा भी
करती हूँ। मुझे समीक्षा करना बेहद अच्छा लगता है। लेखक हूँ तो दूसरे
लेखकों के विचार अक्सर लंबे साक्षात्कारों के जरिए लेती हूँ। अखबारों मे
लिखना बेहद पसंद है क्योंकि एक पत्रकार भी हूँ।
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